सही इलाज के लिए इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण का पता लगाना जरूरी है. लक्षणों से ही कई बार यह अंदाजा हो जाता है इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण क्या है . उदाहरण के लिए-
1. आमतौर पर स्वस्थ पुरुषों में रात के समय या सवेरे सवेरे लिंग में अपने आप तनाव आता है. यदि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के मरीज को रात में और सवेरे आने वाला तनाव आ रहा है ,लेकिन सेक्स के समय तनाव नहीं आ रहा तो इस बात की संभावना है कि मरीज में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण शारीरिक नहीं होगा और मानसिक कारण जैसे की घबराहट के होने की संभावना ज्यादा है.
2. यदि हस्तमैथुन के समय लिंग में अच्छा तनाव आता है लेकिन सेक्स के समय तनाव नहीं आ पाता तो भी यह इस बात का संकेत है कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण शारीरिक नहीं मानसिक है.
लक्षणों के अलावा कई प्रकार की जांच भी जरूरी है इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण को पता करने के लिए जैसे कि:
1. खून की जांच (शुगर, कोलेस्ट्रोल लेवल इत्यादि की जांच)
2. हारमोंस टेस्ट (सेक्स हार्मोन, थायराइड हार्मोन इत्यादि की जांच)
3. अल्ट्रासाउंड (लिंग में खून के बहाव की जांच)
मेडिकल जांच के अलावा मरीज से लंबी बातचीत भी अक्सर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण को पता करने में मदद करती है . उदाहरण के लिए कुछ लोगों में सेक्स के समय सेक्स अंगो से निकलने वाली गंध, सेक्स करते समय मन का किसी और चीज में भटक जाना, काम का प्रेशर, प्रेगनेंसी का डर, पार्टनर का सेक्स के प्रति खराब रवैया भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह बन सकती हैं.
यह बात समझना जरूरी है कि हर मरीज में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण अलग हो सकता है और उस कारण को सही तरीके से पहचानना ही इलाज का पहला कदम है. ज्यादातर मरीजों में शारीरिक और मानसिक कारण दोनों ही पाए जाते हैं.